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प्रकाशकाची भूमिका |
३
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१. |
नाणे निधी - एक शेवग्याचे झाड |
५
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२. |
बळीराज्याची दिशा |
१३
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३. |
खतांच्या अनुदानाचे रहस्य |
२४
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४. |
बुद्धिसंपदेच्या चाच्यांचा कांगावा |
३०
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५. |
नेहरूनीती विरुद्ध खुली अर्थव्यवस्था आणि शेतकरी आंदोलन |
४९
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६. |
डंकेल, उद्यमी शेतकरी आणि बांडगूळ बिगर शेतकरी |
६२
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७. |
डंकेल : शेतकऱ्यांचा दृष्टिकोन - भारतीय व फ्रेंच |
८४
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८. |
तीन तोंडाचे अंदाजपत्रक |
८९
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९. |
खुली व्यवस्था आणि संप |
९६
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१०. |
सौख्याचे अर्थशास्त्र |
१०१
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११. |
शेवगा तोडा, पाय नको |
१०६
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१२. |
प्रचलित अर्थव्यवस्था व शेतकऱ्यांचे भवितव्य |
१२१
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१३. |
गावगाड्याची व्यापार व्यवस्था |
१३९
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१४. |
WTO च्या धर्मक्षेत्री, कुरुक्षेत्री |
१५४
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१५. |
खिडकीला दिशा दोन |
१६५
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१६. |
असाध्य ते साध्य करिता सायास |
१७१
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१७. |
शुभकार्य! सावधान! |
१८५
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परिशिष्ट-१ : स्वतंत्रतेची मूल्ये - लेखांक १ |
१८९
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परिशिष्ट २ : व्यक्तिविकास इदम् न अलम्? |
२१९
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